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खौफ़नाक खण्डहर: एक डायन की प्रेम कहानी (LOVE STORY of a Dayan (1) (Hindi )

                                 आज की कहानी है डायन की   

बहुत समय  की बात है एक छोटा  सा गांव होता है। उस गांव में वरुण नाम का एक लड़का रहता  है वरुण अपनी माँ के साथ रहता था। उस गांव में रहता है। गांव के सभी लोगो एक परिवार के जैसे रहते है  पर वरुण की माँ की तबियत ख़राब चले रही होती है। और डॉक्टर ने इलाज के लिए शहर जाने के लिए कहते है। पर वरुण के पास कुछ नहीं होता जिसे वो अपनी माँ का इलाज शहर में  जा कर सके ऐसे सोचते वरुण घर से बाहर चला जाता है। अपने दोस्तों के पास वरुण के चार दोस्तों होते है।और चारो एक साथ ही रहते और पढ़ाई भी एक साथ की थी। इन सब की दोस्ती बहुत गहरी होती है अपने दोस्तों के लिए जान भी दे सकते है।

उस चारों दोस्तों का नाम होता है। विशाल ,रवि ,राहुल ,दीपक 
विशाल : पड़ित होता है तांत्रिक पूजा का पाठ करता है। 
रवि :डरपोक होता और मासूम होता है। 
राहुल : कुस्ती और ताकत 
दीपक : पढ़ाई में माइंड से  बहुत तेज होता है।  

वरुण चुप - चाप अपने दोस्तों के पास  बैठे जाता है। उदास हो कर और वरुण के दोस्त हसीं मजाक करते होते है। पर आचनक वरुण को राहुल उदास देख के पूछता है क्या हुआ  वरुण तू इतना उदास क्यों है।  क्या हुआ वरुण आज तू चुप कैसे बैठा है। क्या बात हुई वरुण के राहुल पूछता है वरुण कहता यार माँ की  तबियत बहुत ख़राब चले रही है। मैं कुछ कर भी नहीं सकता इतने पैसे  कहा से ले कर आओ तब सब सोचने लगते है। विशाल 
  बोलता है मेरा एक दोस्त है शहर में आगे तू कहे तो में उस बात करता हूँ शहर में हमारे लिए कोई  काम देखने के लिए  और काकी का इलाज भी कर लगे सब शहर जाने के लिए तैयार थे। और सब कहते हमें तेरे साथ है वरुण 
राहुल अपने दोस्त को कॉल करता है। 

राहुल :कहता है हेलो 
रौनक :कहता है राहुल आज कैसे याद किया सब ठीक है ना 
राहुल : बोलता है हां रौनक बस मेरे दोस्त है ना वरुण उसकी माँ की तबियत ठीक 
           नहीं तो हमें सब दोस्तों को  तेरे शहर में कोई काम मिले जाएगा। 
रौनक :कहता है। हां मैंने तो तुझे पहले कहा था शहर में आ जा तू ही जो आता नहीं है। 
           जॉब है और तू सब को मिले जाएगी जॉब मैं कल ही अपने सर  से बात करता हूँ। 
           सर को पढ़ा लिखा चाहिए और तूने बता था सब पढ़े लिखे हो। 
            राहुल पहले सब बता देता है अपने  दोस्तों   के बार में  बात कर के बता देना। 
रौनक : कहता है हां भाई सुबह बात करता हूँ तुम सब के लिए 
              इतना कहे के फ़ोन रख देते है। 

अगली सुबह रौनक काम  जाता है और राहुल के लिए और राहुल के दोस्तों के लिए सर से बात करता है।  सब के टोकॉम्टे मांगते है। और जॉब मिले जाएगी रौनक काफी सालों से जॉब कर रहा है तो सर जाने लगे  ईमादार भी होता  है तो रौनक चला जाता है ,और रौनक लांच टाइम अपने विशाल को कॉल करता है। 
विशाल से कहता है तुम सब जल्दी आ जाना जॉब मिले जाएगी अपने  टोकॉम्टे ले कर आना सब विशाल बहुत खुश होता और शहर जाने के लिए सब को कहता है। 

और सब शहर जाने की तैयारी करने लगते है। और यह बात गांव वालो के सामने कहते है। सब वरुण को कहते है काकी का ख्याल हमें सब है रख लगे। वरुण सब के साथ  देख के शहर जाने के लिए तैयार हो जाते है और कहते है गांव वाले काकी का हम सब है ख्याल रखने के लिए है तुम चिंता मत कर हमें सब है यह काकी के लिए   तो वरुण अपने दोस्तों के साथ सुबह होते ही शहर के लिए निकल जाता है। 

अब देखते है कहानी में क्या होता है। 

वरुण अपने दोस्तों के साथ शहर पहुँच जाता है। और शहर में जाते  विशाल  का एक दोस्त  रहता है।  जिसे का नाम रोनक होता है।  रोनक बहुत अच्छा इंसान होता है।  रौनक के पास जाते है रौनक के घर जो रौनक ने किराये पर ले रखा था। विशाल हमेशा फ़ोन पर ही अपने दोस्तों के बात किया  करता था। आज सामने होते है राहुल सब से मिलता है रौनक से और कहता है अपने दोस्तों से यह रौनक है। मेरा क्लास दोस्त है। फिर सब बैठे के बातें और चाय नास्ता करते है। और राहुल से कहता है आज से जो तेरे दोस्त  मेरे भी दोस्त है सब इतना में रात हो जाती है। 

रौनक सब के लिए बाहर से खाने पीने का सामने मानता है और सब के साथ बैठे के खाता है। और खाना खाने के बाद सब बैठे के बातें किया करते है।  फिर कुछ घंटो के बाद सब सो जाते है। अगली सुबह रौनक अपने दोस्तों को अपने जॉब  पर ले कर जाता है और अपने  सर से मिलता है सर उस सब को जॉब पर रख लेता है।  सब को एक कपनी में जॉब दिला देता है। और कल से आने के लिए कहते है। शहर में घर ना मिलने से बहुत प्रॉब्लम होती है तो रौनक कहता है जब तक आप सब का रहने का इंतजाम नहीं होता आप  सब  मेरे साथ रह सकते हो रौनक भी जॉब के लिए आया था। पैसे कमा के कुछ अपने पास रखता और कुछ अपने घर पर भेज देता रोनक ही अपने घर में एक ही होता है माँ पापा के लिए शहर आ था।  रौनक  भी कामने के लिए आया हुआ था। तो अकेले ही रहता था।

 वो सब रौनक के साथ रहते है।  कम्पनी बहुत दूर होती है। रौनक के  घर से तो सब  बस से जाते है । पर बस उनको बीचे में उतर देती है। गणना जगल के पास वहाँ से आगे बस नहीं जाती  है।  फिर सब  वही से पैदल चलते है। काम के लिए रास्ते में वो सब हसी मजाक करते जा रहे थे। तो  चलते -चलते रास्ते के बीचे एक बहुत बड़ी हवेली होती है। सब उस हवेली को देखने के लिए रोक जाते है। हवेली देखने में बहुत सुंदर लगती है और बहुत पुरानी  सी लगती है। 

पर  रवि  कहता है यार इस बाद में देखा लेना क्योकि रवि डर जाता है रवि को वो हवेली डरवानी सी लगती है। हवेली देख के सब से कहता है  आज सब का पहला दिन है आगे पहले दिन लेट हो गए तो जॉब लगने से पहले निकले देंगे तो सब फिर जल्दी से कम्पनी की और चलने लगे और  पहुँच जाते है।  और कपनी के बॉस के पास जाते है। और बॉस मेनिजर को कहता है इन  सब को अपना काम समझने के लिए कहता है और सब अपना काम करने में लगे जाते है।  

और लांच टाइम हो जाता है और सब साथ बैठे के लांच करते है। तभी दीपक  कहता है यार वो हवेली कितनी  मस्त थी ना यार शाम को देखने चले गए यार सब कहते है। कोई आ गया तो फस जाएगे  न यार तो वरुण कहता है। देखने से तो लगता नहीं कोई वहाँ आता जाता और रहता भी होगा। सब कहने लगते है चले गए शाम को जाते वक्त और फिर सब अपने काम में लगे जाते है। 

फिर शाम को एक साथ घर के लिए निकलते है और बातें करते है रौनक सब से पूछता है कैसा रहा आज का दिन सब के लिए सब अपने जॉब से बहुत खुश थे वरुण कुछ ज्यादा ही खुश था अपनी माँ का इलाज करने के लिए और बातें करते- करते पता नहीं चला कब सब जहा सुबह बस ने छोड़ा था वहां तक आ गए वह पर बस पहले से आ जाती  है। सब बस में बैठे जाते है  और  हवेली से बहुत दूर आ जाते है। सब हवेली को भूल जाते बातो में किसी को याद ही नहीं रहता और दयान नहीं रहता बस पर बैठे के घर चले आते है।  

ऐसे काफी टाइम निकले जाता है कम्पनी में ज्यादा काम होने से वो सुबह काम के लिए जल्दी निकल जाते थे।  और सीधा जॉब पर ही आते थे इतना टाइम नहीं होता रोकने के लिए सब को  पर वरुण को पहले कुछ फील नहीं होता दो - तीन दिन बाद वहाँ पहले बार वरुण को वह से गुजरते समय किसी की रोने की आवाज आते है। वरुण रोक जाता और सोचने लगता यहां कौन है वो अपने दोस्तों से कहता है यार कोई रो रहा है तो सब बोलते यार हमें तो कुछ नहीं सुनी दे रहा ऐसा ही कोई बहम होगा जानवर की रोने की आवाज होगी इस कहे के वरुण चलने लगता है। 

अब वरुण को ऐसे रोज सुनाई देने लगा ऐसा लगता था कोई वरुण को बोला रहा है। और वरुण वही रोक जाता है और इधर - उधर देखने लगता है। और रोने की आवाज सुन के वरुण वही जाने लगता है। जाते जाते वरुण हवेली के पास आ जाता है। और वरुण के हवेली के पास आते ही वो आवाज बंद हो जाती है। वरुण देखता है यह वही हवेली है जिस देखना चाहता हूँ मन बार कहता है यह पर आओ आज आदर चले के देखता ही हूँ कोई है की नहीं पर जब वरुण हवेली के पास जाता है तो हवेली के दरवाजे पर एक बहुत बड़ा ताला लगा होता है। वरुण सोचने लगता इस कैसे खोलू पर में एक पत्थर ले के ताला तोड़ने लगता है। वरुण ने एक मरते ही ताला टूट जाता है। 
वरुण हवेली के आदर चला जाता है। हवेली में बहुत अंधेरा होता है। वरुण अपने जेब से अपना फ़ोन निकले के लाइट चला लेता है। और हवेली को देखने लगता है। तभी वरुण के सारे दोस्त देखते है वरुण कहा गया वो सब वरुण को ढूढ़ने लगते है। ढूढ़ते -ढूढ़ते सब हवेली के पास आ जाते है। 

हवेली का दरवाजा खोला देख के सब आदर आ जाते है। अंधेरा होने से सब अपने फ़ोन से लाइट लगा के वरुण वरुण चिल्लाने लगते है।  वरुण अपने दोस्तों की आवाज सुन के आ जाता और कहता है। यार बहुत मस्त हवेली है और  यह कोई नहीं रहता पक्षियों के लावा काफी सालों से बाद है और सारी चीज़ पुरानी लगे रही है। राहुल और दीपक दोनों ऊपर जा कर देखने लगते है। और रवि डरता हुआ रौनक और विशाल ले साथ नीचे देखने लगता है।और सब हवेली को देखने लगते है। और कहते है यार कितनी मस्त हवेली है। आज तो सब हवेली को देख के ही माने वाले थे। 

और हवेली को देखने लगते है। हवेली बहुत पुरानी होती है। धूल मिटी से भरी होती है। दीवारे पर मकड़ीयो के जाल से भरी  होते है।  सब देख के कहते है।  यार यहां तो कोई आता जाता नहीं लगता और देख वरुण कितनी शानदार हवेली है। वरुण कहता है क्यों ना हमें सब इस हवेली में रहते है। हम सब को रहने के लिए घर तो चाहिए था। और यहाँ कोई रहता भी नहीं ना आता जाता है। 

वैसे भी हमारी  कम्पनी भी पास ही पड़ती है। हमें सब के लिए अच्छा होगा। सब को इस हवेली में रहने का ठिकाना मिले गया है। सब राजी हो जाते है पर रवि  डरने लगता है और कहता है यार यह बहुत डरावनी जगह लगती है। नहीं हमें यहाँ नहीं रहेंगे सब कहते है यार कितनी मस्त हवेली है यहाँ कौन आएगा सब कहते है चलो सब अपना अपना सामने ले कर आते है।  और वैसे भी कल कपनी में छुटी है तो कल हवेली की साफ साफी कर लगे। और सब निकले जाते है। वहाँ जाते ही सब अपना सामने लेने लगते है और सुबह होते ही हवेली में जाने का मन बना लेते है। और सो जाते है। 

सुबह होते ही  सब अपना -अपना सामने ले के हवेली में आ जाते है। रात को तो हवेली में कुछ दिखाए नहीं देता पर सुबह को हवेली बहुत जबरदतः लगती है। सब हवेली के रूम देखने लगते है। और कहते है यार इस भूतियाँ हवेली में कोई नहीं आ सकता दोस्तों सब मिले के हवेली को साफ करने लगते और हसी मजाक भी करते है। रौनक  बोलता है यार इस हवेली में कोई आता तो नहीं होगा और हमें सब के रहने का इंतजाम भी हो जाता है। और काम के पास ही होता है। सफाई  करते शाम हो जाती है। और हवेली देखने में बहुत अच्छी लगने लगती है। 
 
सब हवेली के हॉल में ही बैठे जाते है। थक के  हवेली में किसी चीज़ की कोई कमी नहीं होती वहां सब कुछ मिलता है। हवेली में काफी रूम होते है सब अपने रूम  लेते है। अपना सामने रखें देते है। इतना काम किया  तो सब को भूख लगने लगती है। तब विशाल और रौनक खाना ले ने के लिए निकले जाते है।  रात होने से पहले वो खाने के लिए जाते है पर आस -पास कही कुछ नहीं  देखता तो रौनक कहता है हमारे  कपनी के पास  ही एक होटल है ना । चले विशाल वही चलते है। वही से खाना पैक कर लगे। दोनों बातें करते पहुंच जाते है। जल्दी से खाना पैक करते है। 
वही बैठे जाते है। और हवेली की बातें करने लगते है। रौनक को कुछ पता तो था हवेली के बारे में पर रौनक इन सब पर यकीन नहीं करता 

तभी वहाँ का एक वेटर उनकी बातें सुने लेता है और जा के कहता है आप उस हवेली में रहने आए हो जो कही सालों से बंद पड़ी है। आप सब ने यह क्या किया विशाल कहता क्या किया किसी की हवेली है तो वेटर कहता है। मालिया  जो एक डायन होती है यह डायन की हवेली है। विशाल कहता अब कहा मालिया  जी तो वेटर कहता है। मर गयी काफी साल पहले अपने प्यार के लिए  जान ले ली किसी ने मालिया की  आज भी डायन की आत्मा घूमती अपने प्यार की तलाश में 

विशाल कहता तुम्हे कैसे पता वेटर कहता है। मेरे दादा जी ने बताए थी अब दादा जी तो नहीं रह पर कोई भी रात के 7  बेज के बाद कोई नहीं आता जाता तो रौनक कहता है। कुछ नहीं होता इस युग में सब कहानी बना रहे है। वेटर कहता है। झूठ नहीं सब सच है तुम सब चले जाओ अब 7 बजने में 2 घंटे बाकि होते  है। चले जाओ डायन के आने से पहले और खाना पैक कर देता है। दो इस बात को नहीं मानते और खाना ले कर चले जाते है। 

और हवेली ज्यादा दूर नहीं होती तो बातें करते कब आ जाते पता नहीं चलता और सब इंतजार कर रहे होते है। वेटर की बात किसी से नहीं कहते और सब मिले के खाना खाने बैठे जाते है। सब इतने थक जाते है काम कर के तो  खाना खाते सब सो जाते है।  हॉल में ही 
 
अब देखते क्या होता कहानी में 

 आगे आपको आगे की कहानी जाना चाहते हो   लाइक और कमैंट्स में लिखे के भेज दे। ताकि आपको कहानी का  अगला पाठ पढ़ने को मिले जाए  

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