खौफ़नाक खण्डहर: एक डायन की प्रेम कहानी (LOVE STORY of a Dayan (2)
कहानी का दूसरा पाठ
मालिया एक डायन होती है। मालिया कही सालों से अपने प्यार के लिए इधर - उधर भटक रही होती है। हवेली मालिया के प्रेमी युवराज की होती है। हवेली में ही मालिया और युवराज को मर दिया गया था। हवेली में कही राज़ छुपे होते है। मालिया किसी को हवेली में आने नहीं देती सात बजे के बाद कोई नहीं
आ सकता हवेली के पास भी मालिया किसी को जिंदा नहीं छोड़ती वैसे मालिया ऐसी नहीं होती पर अपने प्यार को तड़पते-तड़पते के मरते हुए देख था। मालिया के सामने ही तब ही मालिया का गुस्सा आसमान तक पहुच जाता है और मालिया एक डायन बने जाती है। मालिया किसी को नहीं छोड़ती पर ना जाने क्यों मालिया वरुण के दोस्तों को अभी तक कुछ नहीं किया सब हवेली में रह थे। मालिया बहुत सुंदर होती है।
मालिया सात बजे के बाद किसी को हवेली के आस -पास नहीं आने देती मालिया के डर से कोई भी हवेली के पास नहीं आता पर वरुण और वरुण के दोस्त रहते इस में कोई राज़ था। हवेली में सब सो रहे होते है। तभी रवि की आँख खुले जाती है। और रवि को प्यास लगने लगती रवि उठ के पानी के लिए किचन की और जाता है। और पानी पीने लगता है तभी रवि को किसी की चलने
की आवाज सुनाई देती है। रवि पीछे हो कर देखता है। पर पीछे कोई नहीं होता मालिया रवि के पास ही आती है। अंधेरे के वजह से रवि को कुछ नहीं देखता और रवि डर जाता है। रवि डरते हुए कहता है कौन है। पर कोई नहीं बोलता फिर रवि कहता है कौन है तभी पैरो की आवाज आनी बंद हो जाती है। फिर एक बार फिर पैरों की आवाज आने लगती है रवि को लगता जैसे कोई उसके के पास आ रहा हो रवि बहुत डर जाता है वैसे डरपोक तो होता है रवि पैरों की आवाज से बहुत डरने लगता और कहता कौन है और
फिर रवि के हाथ से पानी से भरा गिलास गिर जाता है और भागने लगता है भागते भागते रवि विशाल के ऊपर ही गिर जाता है।रवि पीछे देखे के भाग रहा होता है। तो पता नहीं चलता आगे कौन है विशाल उठे जाता है और शोर से सब भी उठ जाते है। और रवि से कहते क्या हुआ और सब रवि से पूछते है। और रवि को देखने लगते है। और कहते है क्या हुआ कोई भूत को देख लिया क्या रवि
पसीने से लतपथ हो गया था। यार वहाँ कोई है पैरों की आवाज सुने दे रही है। कोई औरत है। सब यह सुन के बोलने लगे अब डर पोक कोई नहीं यह हमें सिवा रवि कहता नहीं यार कोई है फिर विशाल कहता है चले देखते है कोन है। पर विशाल को कुछ नहीं देखिए देता है ना कोई आवाज सुनी देती है। विशाल कहता यार देख कोई नहीं है। तू ऐसे डर रहा है रवि कहता है नहीं यार में झूठ नहीं कहे रहा कोई था यार विशाल कहता तो बता कहा है फिर
दोनों आ जाते है। और कौन था विशाल कहता कोई नहीं था दीपक कहता यहाँ कोई नहीं सो जा डरपोक साला कोई जानवर की आवाज सुन ली होगी रवि कहता नहीं यार सच्ची कोई था कोई यकीन नहीं करता रवि पर सब कहते सो जा सुबह काम पर जाना है। तब अचानक हवेली में लाइट चली जाती है। और बाहर बहुत तेज हवा चलने लगती
है से हवेली की खिड़कियाँ हवा से बजने लगती है रवि फिर डर जाता है। और सब सोचने लगते यह क्या हुआ अचानक से तूफान कैसे आ गया हवेली के बाहर जा के देखते दीपक कहता है में देखता हूँ क्या हुआ तभी राहुल भी कहता है। मैं भी साथ चलता हूँ दोनों बाहर देखने लगते बाहर कुछ नहीं देखता चारों तरफ अंधेरा होता है राहुल कहता है यार लगता है बहुत तेज तूफ़ान आने वाला है। कुछ दिखाए नहीं दे रहा यार दीपक कहता है हां यार तूफान भी और दोनों आदर आ जाते है गेट बंद कर देते है।
और आदर वरुण और राहुल हवेली की खिड़कियाँ बंद करते है। और हॉल में मोमबत्ती लगा देते है। सब हॉल में बैठे जाते है। और बातें करने लगते है और रवि अभी डर ही रहा था। दीपक और राहुल हॅसने लगते है। रवि की मजाक बने लगते है। रवि तू अकेले चला गया यार ऐसे करते सब सो जाते है। कुछ घंटो में वरुण फिर उठ जाता है। वरुण को फिर रोने की आवाज सुनाई देने लगती है। और किसी को नहीं देती सब सो रहे होते है।
वरुण उठ के आवाज के पीछे चलने लगता है ऐसा लगे रहा था की वरुण को कोई बोला रहा हो
और वरुण सीदा चलता जा रहा था और हवेली के पीछे पॅहुच जाता है। मालिया कहती है युवराज तू आ गए वरुण कुछ नहीं कहता बस चुप चाप खड़ा रहता है तभी विशाल उठ जाता है और वरुण को देखने लगता है जब वरुण नहीं देखता तो विशाल आवाज लगता है। और अपने दोस्तों को उठा देता है और कहता वरुण कहा गया सब हवेली में देखने लगते है वरुण कही नहीं दिखाए नहीं देता तब राहुल और रवि ऊपर देखते है और विशाल और दीपक बाहर आवाज लगते है।
तब दीपक को वरुण देखता है हवेली के पीछे खड़ा देखता है और आवाज लगता वरुण वरुण..... पर वरुण कुछ नहीं सुनता बस खड़ा रहता है।तभी विशाल को आवाज लगता है यार वरुण यह खड़ा है। दोनों वरुण के पास जाते है और कहते है तू यह क्या कर रहा है वरुण कुछ नहीं सुनता बस खड़ा रहता है हमें तुमसे बात कर रहे है कुछ बोलता क्यों नहीं रहा तभी दीपक वरुण को हाथ लगता है तभी वरुण इधर - उधर देखता है और अपने दोस्तों को देख के बोलता है मैं यहाँ क्या कर रहा हु विशाल कहता हमें क्या पता तू यहाँ क्या कर रहा हमें तुझे ढूढने रहे थे
और जब हवेली में ना मिला तो हमें यहाँ आ गए तू यह खड़ा क्या करने आया था वरुण कहता है मुझे कुछ याद नहीं मैं यहाँ कैसे आया कुछ पता नहीं वो दोनों वरुण को देखने लगते है। और कहते है तुझे रात को चलने की बीमारी तो नहीं है। वरुण कहता नहीं यार विशाल कहता है चले आदर चलते है वरुण तेरी तबियत ठीक नहीं लगती और हवेली के आदर चले आ जाते है।
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