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कुछ तो लोग कहेंगे (Kuch Toh Log Kahenge)

कुछ तो लोग कहेंगे, लोगों का काम है कहना
छोड़ो बेकार की बातों में कहीं बीत ना जाए रैना 
कुछ तो लोग कहेंगे, लोगों का काम है कहना

कुछ रीत जगत की ऐसी है, हर एक सुबह की शाम हुई 
तू कौन है, तेरा नाम है क्या, सीता भी यहाँ बदनाम हुई
फिर क्यूँ संसार की बातों से, भीग गये तेरे नयना
कुछ तो लोग कहेंगे, लोगों का काम है कहना
छोड़ो बेकार की बातों में कहीं बीत ना जाए रैना
कुछ तो लोग कहेंगे ...

हमको जो ताने देते हैं, हम खोए हैं इन रंगरलियों में 
हमने उनको भी छुप छुपके, आते देखा इन गलियों में
ये सच है झूठी बात नहीं, तुम बोलो ये सच है ना
कुछ तो लोग कहेंगे, लोगों का काम है कहना
छोड़ो बेकार की बातों में कहीं बीत ना जाए रैना
कुछ तो लोग कहेंगे ....
Kuch Toh Log Kahenge

आज की कहानी है एक लड़के की जो अपने ज़िन्दगी में क्या देखा और क्या खो दिया आए देखते है कहानी में आदर क्या होता है। 

बहुत समय की बात एक शहर में एक राज  नाम का लड़का रहता था। जो शादी  शुदा होता एक लड़का भी होता  वाइफ से बहुत प्यार भी करता है। राज अपनी माँ से  प्यार नहीं करता था। क्यों वो आपको आगे  कहानी में पता चलेगा।  राज के परिवार में माँ पापा और दो बहन और एक छोटा भाई थे । राज  की माँ अच्छी नहीं होती वो देखने में भी अच्छी नहीं होती राज  की माँ से पूरा घर की स्थिति ख़राब हो जाती है 

राज पहले सब के साथ रहता था बहुत बड़ा घर भी था वहाँ पर दादा -दादी ताऊ- ताई चाचा -चाची और छोटे भाई बहनो के सब साथ रहता थे । 

राज के पापा की जॉब होती है और  पापा  ड्रिंक किया करते थे।  पर अपने  परिवार भी अच्छा  चल लिया करते  थे। और राज के पापा अपने  परिवार से बहुत प्यार करते थे। और राज भी अपने परिवार से बहुत प्यार करते थे।

राज के पापा  कोई भी  चीज़ लेते मिले बाटे के साथ अपने परिवार को देते है पर यह सब  राज की माँ को अच्छा नहीं लगता था वो लड़ाई करने लगती थी राज के परिवार में कोई बुरा नहीं होता सब  दूसरे का साथ देते थे। और जब राज के पापा ड्रिंक कर सो जाते  तो राज की माँ फायदा उठा लेती और  लड़ाई करने लगती  राज  पापा देते  वो

 वापस ले लेती और लड़ाई हो जाती थी घर पर रोज लड़ाई करती थी राज की माँ और राज  पापा को उल्टा सीधा बता देती आप जो अपने परिवार के लेते हो वो फेक देते है  कुछ मत दिया करू उल्टा सीधा बता देती थी  लड़ाई कर देती पुरे परिवार में यह सुन  के राज के  पापा भी अपने माँ पापा पर गुस्सा करते और लड़ाई करते राज की माँ को बहुत अच्छा लगता था 

यह सब देख के राज के पापा रोज -रोज  लड़ाई  से दुःखी हो कर अपने परिवार से दूर रहने लगते है। जॉब होने  राज को एक अच्छा मकान मिले जाता है। राज   यह सब अच्छा नहीं लगता राज  ड्रिंक करना सिख जाता है राज जानता था अपनी माँ के बारे में पर किसी से कहे भी नहीं सकता था। 

ऐसे कुछ  चलता रहता है। राज के पापा की तबियत ख़राब होने लगती है।  राज के पापा बहुत ड्रिंक करने लगे और राज भी करने लगा। राज के पापा को डॉक्टर के पास ले कर जाते है डॉक्टर ड्रिंक के लिए माना करते है। ड्रिंक से शरीर में इन्फ़ेसन होने ला  राज के पापा आदर ही अपने परिवार से दूर होने का गम लेने लगे जैसे वो ड्रिंक ज्यादा करने लगे राज अपनी माँ से लड़ाई करने लगा। 

फिर राज के पापा को बेड रेस्ट के लिए कहे देते है।  यह सब देख के राज की माँ सोचती है क्यों ना इनको रेटरमेट ले सही होगा है। और राज की माँ वही करने लगी और राज के पापा रेटेमेट के लिए कहे देते है इतनी तबियत ख़राब होने से वो भी हां कहे देते है। और रेटरमेट हो जाते है। राज की माँ ने अपने बेटा का भी कभी नहीं सोचा राज की वाइफ से रोज दिन रात लड़ाई करने लगी। राज भी ड्रिंक कर के अपने वाइफ से लड़ाई करने लगा इस सब से दुःखी हो कर राज की वाइफ भी अपने घर चली जाती है। 

रेटरमेट के  15 दिन बाद राज के पापा की तबियत बहुत ख़राब होने लगी और ज्यादा तबियत ख़राब होने से राज के पापा दुनिया छोड़ के चले जाते है। 

कुछ साले बाद

राज की  दादी राज के लिए सोचती है और उनको अपने पास जमीन दे देती है जैसे राज खुश से परिवार में रह सके क्योकि राज की दोनों बहनो की शादी हो चुकी थी वो अपने घर रहती थी और राज और राज का बेटा रहते थे राज की दादी ने सोचा अकेले कहा रहेंगे तो अपने पास बुला लेते है। 

राज की माँ अब कहती कुछ नहीं पर आदर से मन साफ नहीं होता राज की और उसकी माँ से रोज लड़ाई होने लगी उस के लिए राज की वाइफ घर छोड़ के चली गयी थी। तो वो अपनी माँ से लड़ाई करता और उल्टा सीधा बोलने लगता राज के पापा का मरने से राज दुःखी होने लगा। पापा थे तो किसी चीज़ की कमी नहीं थी घर में वैसे राज की माँ को पैसे मिलते थे पेशल आती थी पर वो  अपनी एक बेटी पर लगती थी वो भी अपनी मा जैसी होती है 

ऐस करते काफी टाइम निकले जाता है राज रोता था पर किसी को बता नहीं सकता था अपना दुःख दर्द ड्रिंक करता रहता और रोज मरने के लिए कुछ ना कुछ करता रहता पर मरता नहीं राज की माँ को कोई फर्क नहीं पड़ता राज को हर कोई आ कर उसकी माँ का कहते तेरी ज़िन्दगी तेरी माँ की वजह  के वजह से हुई है यह सही भी है। 

राज अपने बच्चो को मरता और गुस्सा निकलने लगा राज की माँ को कई मतलब नहीं होता इसे करते राज ने एक दिन शाम को ड्रिंक कर के घर आता है और अपनी माँ और बच्चो को कहता मेरी वाइफ को ले आओ मैं अपनी वाइफ के बिना मर जाउगा। ऐसे कहते राज ने ड्रिंक के ऊपर दवाई ले ली बहुत सारी इस इन्फ़ेसन होने लगा और राज की माँ बैठे देख रही थी रोज ऐसे करता है तो वो बैठी रहती है पर अचानक से राज चुप हो जाता है। 

राज मर चूका होता है। और राज की माँ को लगा सब ठीक है। पर राज की दादी ने यह देख लिया तो वो सब को बोलती है फिर सब देखते है तो राज मर चूका था। और सब रोने लगते है राज की माँ अच्छी तो होती नहीं तो कोई कुछ नहीं कहते और सब बैठे जाते है। 

यह थी राज की कहानी यह कहानी सच्ची है आज भी राज की माँ वैसी है अपने परिवार को दुःख देते जा रही है। सब लोगो राज की माँ के बार में जानते थी सब से मीठी बने के रहते थे। और आदर बहुत पाप होता है। सब लोगो कहते इस के आने से आप सब की ज़िन्दगी ख़राब हो गयी।  

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