खौफ़नाक खण्डहर: एक डायन की प्रेम कहानी (LOVE STORY of a Dayan (7)
कहानी का सातवें पाठ
रौनक के पास विशाल जाता है। और कहता है यार वरुण की तबियत बहुत ख़राब है मुझे हवेली जाना है तू सर बात कर के देख ना रौनक हां करता हूँ वरुण के पास कोई तो होना चाहिए जाने देंगे रोक मेरे साथ चले तू कुछ सोचते है। विशाल कहता है सर को बोलते है वरुण की तबियत ख़राब है। तो जाना होगा अभी रौनक सर के पास जाता है। और सारी सच्ची बता देते है सर अच्छे होते है। उनकी परेशान समझते है और विशाल को जाने को कहे देते है।
यह सुने के विशाल जल्दी से अपना बेग ले कर चले जाता है और दोस्तों को कहता है मैं वरुण के पास हवेली जा रहा हूँ मेरा काम देख लेना। तुम सब और विशाल से कहते तू वरुण का ख्याल रखना हमें शाम को मिलते है। विशाल जल्दी निकले जाता है। और जल्दी से हवेली की और जाने लगता है। कुछ ही देर में विशाल हवेली के पास आ जाता है।
मालिया को पता चले जाता है। मालिया को गुस्से आ जाता है । और विशाल हवेली का गेट बजने लगता है। पर कोई गेट नहीं खोलता विशाल फिर हवेली की खिड़की को देखने लगता एक खिड़की खोली होती है। उस के आदर से विशाल आदर आ जाता है। और सीदा वरुण के पास जाता है। वरुण अकेले ही सो रहा होता है तो विशाल वही बैठे जाता है। वरुण का उठने का इंतजार कर रहा होता है।
मालिया कमरे से बाहर निकले जाती है और वरुण के कमरे में चली जाती है और विशाल वरुण के बेड पर पास बैठा होता है आप यहाँ कैसे तब विशाल कहता है वरुण के लिए आया हूँ आप कहा थे मालिया पानी का गिलास ले कर आती है। और कहती है में किचन में थी वरुण के लिए पानी लेने गए थी अब निचे गयी थी
विशाल : वरुण को होश आया था क्या
मालिया : नहीं सुबह से ऐसे सो रहे है में इन के पास बैठी थी
विशाल : मुझे वरुण की चिन्ता खाये जा रही थी तो हवेली आ गया
मालिया : आपको चिन्ता मत करो आपका दोस्त सही हो जाएगा।
वरुण : हमें सब वरुण के लिए यहाँ आये थे हमें सब एक दूसरे से बहुत प्यार करते है। वरुण को किसी के भरोसे नहीं छोड़ सकता आप ना हमें जाते हो ना हमें आपको जानते है।
मालिया : हां पर वरुण बहुत साफ दिल का इंसान है
मालिया और विशाल दोनों बातें करने लगते है विशाल कुछ नहीं पूछ पाइए विशाल ने मालिया से कहा
विशाल : आप कहा रहते हो
मालिया : पास ही एक गांव है बंजारों का मैं वही रहती थी मेरे इस दुनिया में कोई नहीं है। वहाँ के लोग मेरे पर बुरी नजर डालते थे तो सब से बचें के यह आ गयी यहाँ बहुत तेज बारिश होने लगी वरुण मिले गए और हवेली में आ गयी मेरे पापा बंजारों के मुखिया जी थे उनके चले जाने के बाद में गांव के लोग बुरी नजर रखने लगे
विशाल : यह पास में गांव कहा है।
मालिया : यह से कुछ दूर ही है आप अब आए हो ना तो आपको पता नहीं है।
विशाल : हां आपको वरुण ने सब बता दिया होगा हमें यह कैसे आए
मालिया : हां सब के बारे में वरुण ने बता था।
तब वरुण को होश आने लगता है वरुण का पैर हिलने लगते है तब विशाल वरुण से कहता है उठ यार तू ठीक है। वरुण अपनी आखे खोलता है मालिया यह सब देख रही होती है मालिया है जरूर डायन पर आदर से बहुत अच्छी होती है।
वरुण उठ जाता है। मालिया वरुण को पानी देती है। विशाल कहता है वरुण अब कैसे है तेरी तबियत वरुण कहता हां अब ठीक है किसी को पता नहीं होता वरुण को अचानक हुआ क्या था। यह कोई नहीं जानता
शाम होने लगती है सब ऑफिस से हवेली आ जाते है। सब वरुण के पास जाते है और विशाल से पूछते है अब कैसी है वरुण की तबियत विशाल कहता हां आराम कर रहा ठीक है। पहले से दीपक कहता यार वरुण की माँ का कॉल आ था वरुण से बात करने के लिए अब काकी भी ठीक है सब काकी का अच्छे से ख्याल रखे रहे है।
विशाल कहता तुमने क्या कहा कह दिया अब वरुण काम कर रहा शाम को वरुण से बात करना ऐसी हालते में वरुण की बात कैसे करू यार विशाल कहता सब ठीक हो जाएगा सब वरुण के पास ही सो जाते है
अगली सुबह
वरुण भी उठ जाता है और सब वरुण के पास होते है वरुण से कहते है अब कैसी है तबियत तेरी वरुण कहता अब ठीक लगे रहा है। वरुण से दीपक कहता काकी भी अब ठीक है गांव वाले काकी का पूरा ख्याल रख रहे है। काकी तुझे से बात करना चाहती है। तू सो रहा था तो बात हुई नहीं वरुण कहता चले गांव फ़ोन लगा विशाल फ़ोन लगता है। और काकी की बात करता है दोनों बात करते है। फिर रख देते है वरुण की माँ पहले से काफी सही लगे रही थी। वरुण यह सुने के बहुत खुश होता है।
और सब भी आज कोई काम पर नहीं जाता छुट्टी थी सब की वरुण भी पहले से सही होता है और सब बैठे के हॉल में बातें कर रहे होते है वरुण भी साथ ही बैठा होता है मालिया भी सब के साथ ही होती है मालिया वरुण के दोस्तों का प्यार देखे के बहुत सोचने लगती है। मालिया डायन होती है पर कही ना कही मालिया के दिल में प्यार भी होता है। पर मालिया एक डायन होती है वरुण को भी अपने साथ ले कर जाएगी
अब आगे
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