Header Ads

खौफ़नाक खण्डहर: एक डायन की प्रेम कहानी (LOVE STORY of a Dayan (10)

 कहानी का दसवीं पाठ 

विशाल अपने कमरे में जाता है और पूजा पाठ के सामने लेने लगता है और जल्दी से निचे चले आता है नीचे सब विशाल का इंतजार कर रहे थे। कुछ दर बाद विशाल नीचे आ जाता है और वरुण को सामने देने लगता है। वरुण को शिव जी का त्रिशूल और राहुल को  एक बोतल में गंगा जल देता है। और चलने की तैयारी करते है। तुम दोनों अपना 

ख्याल रखना कोई  शक्ति होती है पर देखती नहीं जो देखती नहीं वो होती नहीं है। कुछ भी हो पीछे कदम मत लेना कही बुरी आत्मा तुम्हे जाने के लिए रोकगी बस तुम पाना मसधे पर दयान देना और राहुल तुम वरुण का ख्याल रखना।राहुल तू फिकर मत करो अपने दोस्त के लिए अपनी जान भी दे दुगा वरुण को कुछ नहीं होने दुगा मालिया कहती है वो आत्मा तुम जाने से रोकगी पर होगी नहीं याद रखना आप दोनों का दयान भटक देगी। याद रखना किसी की आखों में मत देखना 

और दोनों हवेली से निकले के मालिया के गांव जाने लगते है। दोनों चलते रहते है और हवेली के पीछे मालिया और विशाल दोनों हवन की तैयारी कर रहे होते है वैसे मालिया वरुण और राहुल को कुछ नहीं होने देगी क्योकि  मालिया को एक हवन करने वाली की जरूरत थी क्यों की मालिया खुद यह हवन नहीं कर सकती सही बताऊ तो मालिया इतनी शक्ति साली होने पर भी कुछ नहीं कर सकती 

मालिया और विशाल ,रवि तीनों हवेली के पीछे ही जाते है। विशाल जल्दी से  हवन की तैयारी में लगे जाते है। रवि मालिया से डर तो रहा था विशाल के साथ ही काम कर रहा था मालिया कहती है जल्दी करू विशाल गांव ज्यादा दूर नहीं है। वो जल्दी ही पहुँच जाएगे विशाल हां करता हूँ कुछ टाइम में हवन करने लगता है मालिया के कहने के अनुसार किया जा रहा था और मात्रृ पढ़ने लगता है। 

वरुण और राहुल दोनों चलते रहते है मालिया के बताई रास्ते पर दोनों कुछ ही दरें में नदी के पास पहुंच जाते है। नदी ज्यादा बड़ी नहीं होती है ना इतनी गहरी होती है दोनों को नदी के आदर से ही जाने होगा दोनों नदी में चले जाते है। और कुछ ही दूर में चलते रहते है उनको दोनों को मालिया के बताए हुए बड़ा सा गेट देखते है। उस गेट के आदर चले जाते है। गांव में कोई नहीं देखता पूरा गांव खाली -खाली सा वीरान सा लगता है।  वरुण और राहुल दोनों आगे बढ़ते रहते है। कही समस्या आ रही थी मालिया के घर के पास जाने नहीं दे रहे थे। कही बुरी आत्मा जाने से रोक रही होती है। 

पर वरुण और राहुल हिम्मते नहीं हारते सब का सामना कर के आगे चलते रहते थे। उनके  पास कोई नहीं आ सकता था दोनों के पास शक्तिशाली भगवान शिव जी का त्रिशूल हाथ में ही होता है और राहुल के पास  गंगाजल होता बुरी आत्मा दोनों का कुछ नहीं करती दोनों चलते रहते है मालिया के बताए अनुसार एक घर देखता है दोनों उसके सामने होते है। 

और दोनों आदर जाने के लिए करते है। और दोनों आदर जाते है और मालिया का कोई भी चीज़ खोजने लगते है। पर आदर सब बिखरा हुआ पड़ा था।  कुछ समझ नहीं आता कहा से शुरू करू दोनों फिर वरुण कहता यार कुछ भी कर के मालिया की कोई भी चीज़ ले के निकलते है। तभी राहुल को किसी ने धक्का दिया ऐसे लगा राहुल नीचे गिरे जाता है। और राहुल के हाथ में गंगा जल की शीशी गिरे के टूटे जाती है। 

और सारा गंगा जल गिरे जाता है।  फिर राहुल को  बुरी आत्मा ऊपर हवा में लटका देती है। और नीचे गिरा देती थी है यह देख के वरुण आता है राहुल कहता है तू वरुण मालिया का सामने ले मैं इन देख लगा वरुण कहता पर यार तेरे कुछ हुआ तो राहुल कहता मैं ठीक हु तू जल्दी कर इन को  मैं देख लूँगा फिर वरुण वहाँ से निकले के मालिया का सामने देखने चला जाता है  

राहुल उनसे डरता नहीं है पर बुरी आत्मा राहुल को मरने लगती है। पर राहुल अपने आपको बचा लेता है। वरुण हार जाता है वरुण को कुछ नहीं मिलता तभी वरुण शिव जी को याद करता और फिर से देखने लगता है। वही पर मालिया का गले की माला मिलती है और वरुण  जल्दी से उठा लेता है। और राहुल के पास जाता है। राहुल घायल हो जाता है। वरुण उठा के राहुल को बाहर निकलता है पर बुरी शक्ति उन दोनों को जाने नहीं देती वो फिर से हमला करने लगती वरुण ने अपने हाथ में त्रिशूल ले लिया और राहुल को पकडे के ले जाने लगा और त्रिशूल की शक्ति से दोनों गांव से बाहर निकले जाते है और नदी के पास आ जाते है। 

और  नदी के आदर जाने लगते है राहुल की हालते बहुत ख़राब होती है वो चले नहीं पारा था वरुण हिम्मते कर के राहुल को अपना साथ दे के चलता है तभी राहुल करता है वरुण तू चला जा मैं यही हु वरुण कहता नहीं तुझे साथ ले कर ही जाऊंगा तू मेरा साथ चलने की कोशिश कर तब कैसे कर के वरुण राहुल को ले कर चलता है। और दोनों नदी पार कर लेते है। वरुण और राहुल दोनों गांव से दूर आ जाते है। राहुल  की हालते बहुत ख़राब हो  रही थी। वरुण हिम्मते कर के राहुल को ले कर चले रहा था। राहुल कहता वरुण तू चले जा यार वरुण कहता नहीं मैं तुझे साथ ले कर ही जाऊंगा तू चले फिर वरुण अपने हाथ अपने कधे पर रख के चलने लगता है। दोनों धीरे -धीरे कर के कुछ ही टाइम में हवेली  पहुंच जाते है। 

वरुण रवि को दूर से आवाज लगा ने लगता है। रवि देख लेता है और जल्दी से वरुण के पास जाता है।  राहुल को पकड़े लेता है। दोनों राहुल  हवेली के आदर ले कर जाता है। राहुल  कहता है तू जल्दी से विशाल के पास जा मैं ठीक हु फिर वरुण रवि  कहता है  राहुल का ख्याल रखना मैं विशाल को यह सामने देता हूँ और वरुण हवेली  के पीछे चला जाता है वहाँ विशाल हवन कर रहा होता है। फिर विशाल वरुण को कुंवे जाने के लिए कहता है और शिव जी 

का  त्रिशूल वरुण  के पास ही होता  विशाल वरुण को मालिया की  वस्तु के लिए कहता जो वरुण मालिया के घर से ले कर आया था उस कुंवे के आदर जाते ही  मालिया का ककाल  मिलेगा मालिया के  ककाल को यह माला पहना के मालिया के ककल को ऊपर लाना होगा  और अग्नि देनी होगी यह तुझे जल्दी करनी होगी पोर्णिमा होने से पहले वरुण बिना देर किये विशाल के अनुसार करने लगता है  और जल्दी से  कुंवे के पास जाता है और कुवे में कूद जाता है  कुँवा बहुत गहरा होता है मालिया भी शिव जी का दयान लगती है। वरुण पानी में मालिया का शरीर देखने लगता है और ढूढ़ते -ढूढ़ते मालिया का शरीर मिले जाता है और अपने जेब में से मालिया की माला निकले के मालिया के ककाल में डाले देता है। तभी वरुण का पैरों को खींचने लगता है। 

वरुण शिव जी को दयान लगता है  और मालिया का शरीर ले कर ऊपर आने लगता है और वरुण ऊपर आ जाता है। विशाल  ने ऊपर सब कुछ तैयारी कर के रखी होती है पूरी रीति रिवाज से मालिया को अग्नि देता है वरुण अग्नि के साथ ही मालिया को मुक्ति मिलने लगती है। 

मालिया की डायन की काली शक्ति चली जाती है और मालिया एक अच्छी आत्मा बने जाती है। सब वही होते है रवि और राहुल भी आ जाते है। और मालिया जाने से पहले वरुण से कहती है हमें फिर मिलेंगे एक नए जन्म में और वरुण में आपके साथ हमेशा साथ रहगी  राहुल को अपनी शक्ति से मालिया पहले जैसा कर देती है और वरुण से कहती है यह हवेली आपकी है और आप इस हवेली के मालिक है  में अपने दोस्तों के साथ रह सकते हो। फिर मालिया चली जाती है  

मालिया को मुक्ति दिला के सब बहुत खुश होते है और हवेली के आदर चले जाते है। कुछ दिनों बाद वरुण अपनी माँ को गांव से ला कर हवेली में रहने लगता है। 

नोट: यह एक काल्पनिक कथा है जो सिर्फ मनोरंजन के लिए यहां दी जा रही है. इसका वास्तविकता से कोई लेना-देना नहीं है. हम डायन प्रथा और डायन जैसे अंधविश्वास का समर्थन नहीं करते हैं. 

दोस्तों फिर मिलते कोई नहीं कहानी में अपना ख्याल रखना। 

The End   

कोई टिप्पणी नहीं

If you have any doubts, Please let me know

Blogger द्वारा संचालित.