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खौफ़नाक खण्डहर: एक डायन की प्रेम कहानी (LOVE STORY of a Dayan (8)

 कहानी का  आठवें पाठ 


सब आज छुट्टी पर थे। सब हॉल में बैठे थे वरुण भी पहले से अच्छा फील कर रहा था। वरुण अपनी माँ से बात करता है फ़ोन पर और वरुण की माँ पहले से ज्यादा ठीक हो गए थे गांव वालो की मदद से वरुण की माँ पहले से अच्छा फील कर रही होती है। वरुण यह जाने के बहुत खुश होता है। अपने दोस्तों को भी अपनी ख़ुशी देता है। 

मालिया इन सब को देखती रहती थी मालिया को वरुण की बहुत फीकर रहती थी मालिया वरुण के पास ही बैठी होती है। मालिया धीरे - धीरे सब के बारे में जाने लगी। वरुण के दोस्तों को भी अपना माने लगी वो मालिया के साथ अच्छे से रहते थे। मालिया उनके साथ कुछ नहीं करती थी पर मालिया की मुक्ति नहीं मिली होती है। 

ऐसे करते काफी टाइम बीते जाता है। एक दिन मालिया हवेली के पीछे रो रही होती है।मालिया सोच रही थी यह भगवान मैं ऐसा क्या गुणा किया जो मुझे यह सजा मिले रही है। इतने अच्छे लोगो के साथ मैं ऐसा गलती करने के लिए कैसे सोच सकती हूँ जब की यह सब मुझे अपना समझते है। मैं इन कैसे मर सकती हूँ  तभी वहाँ वरुण और विशाल आ जाते है और मालिया को रोते विशाल देख लेता है। तब वरुण और विशाल दोनों मालिया के पास जाते है और मालिया से पूछने लगते  है क्या हुआ मालिया आप रो क्यों रहे हो 

मालिया कुछ नहीं कहती बस चुप रहती है। वरुण कहता है कोई बात है तो हमें बताओ हमें आपके दोस्त है क्या पता हमें आपकी कोई मदद कर दे तभी मालिया वरुण को देखती है और कहती है मेरा सच्चे जाने गए तो आप मुझसे नफरत करने और मुझे छोड़ दोगे तभी विशाल कहता है मालिया आप भी हमें दोस्त है हमें ऐसा कुछ नहीं करेंगे आप बताओ 

तभी मालिया उन दोनों को अपनी बीती बात बताती है। 

मालिया बजारने होती है। वो नाचने जाए करती थी मालिया के पिता जी नशे में ही रहता था मालिया के एक छोटा भाई होता है उसकी देख भाल मालिया ही किया करती थी। मालिया अपने घर को चलती थी माँ के चले जाने के बाद मालिया के पिता जी बहुत शरब पीने लगे गए। कुछ रुपए पिता जी को देती थी और कुछ घर खर्च में लगे जाते मालिया बहुत अच्छी होती है हर किसी की मदद कर दिया करती थी। 

एक दिन कुंवर युवराज अपने हवेली में नृत्य वालो को अपनी हवेली में बोलते है। तब वहाँ मालिया गुगटे में जाती है और मालिया बहुत अच्छा नृत्य किया करती है। युवराज सामने ही बैठे थे मालिया के गुगटे को ऊपर करने के लिए कहते थे। गुग्थे ऊपर कर देती है। मालिया को युवराज देखते ही रहे जाता है। युवराज को मालिया से प्यार होने लगता है। युवराज बहुत अच्छा इंसान होता है।  कहते है ना प्यार कुछ नहीं देखते किसी से भी हो जाता है और मालिया भी युवराज  पहली बार देखा था। मालिया भी युवराज को पसंद करने लगी ऐसे करते दोनों  एक दूसरे से प्यार करने लगे 

एक दिन युवराज मालिया को अपनी हवेली के पीछे बोलता है। मालिया आ जाती है। 

युवराज : मैं आपको बहुत प्यार करने लगा हूँ  आपको अपना बना चाहता हूँ 

मालिया : क्यों मजाक करते हो युवराज कहा आप और कहा में 

युवराज : मैं मजाक नहीं करता मैं सच मैं आपको प्यार करता हूँ 

मालिया : लोगो क्या कहेगे मेरे बारे में मुझे गलती समझेंगे 

युवराज : मुझे लोगो  से कोई वास्ता नहीं है। और मालिया को  गले लगा लेते है। 

मालिया : मैं  भी आपसे बहुत प्यार करने लगी हूँ 

यह सब कोई देख लेता है चुपके से और पुरे गांव में फैला देता है। और गांव के लोगो लकड़ी  ले कर आ जाते है। और मालिया और युवराज को मरने लगते है। मालिया चिल्ला के बोलती मेरे युवराज को  मत मारो छोड़ दो पर कोई नहीं छोड़ता मरते रहते है। युवराज को मालिया को मरने लगे सब मालिया और युवराज को हवेली के पीछे ही कुवे में फेक देते है। दोनों मर जाते है। क्योकि हमें बंजारों में शादी पहले ही ते कर देते है। और प्यार करने नहीं देते 

दोनों चुप चाप सुनते रहते है। वरुण और विशाल मालिया कहती है वो बंजारे मैं ही हूँ इस कुवे में मारा था हमें दोनों को वरुण और विशाल देखते रहते है दोनों मालिया को वरुण कहता है क्या मतलब तुमने ऐसे कुवे में फेंका था युवराज  साथ तब मालिया कहती है हां और जब से अपने प्यार के लिए भटक रही हूँ  मैं कोई इंसान नहीं हूँ मैं एक डायन हूँ  

आगे की कहानी 

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